दौलात है ... मुझको ज़िन्दगी से प्यारी ............!!
दौलत के लिए......... कर दू कुर्बान यारी ........!!
दौलत के लिए.......... तोड़ दू दोस्ती सारी........!!
तुमसे क्या छुपाना दोस्तों ...."श्री राधे ही तो है दौलत हमारी "
Sunday, December 26, 2010
जय मंजुल कुन्ज निकुन्जन की, रस पुन्ज विचित्र समाज की जै जै ।
यमुनातट की मुरलीवट की, गिरिजेश्वर की गिरिराज की जै जै ॥
ब्रज गोपिन गोपकुमारन की, विपिनेश्वर के सुख साज की जै जै ।
ब्रज के सब संतन भक्तन की, ब्रजमण्डल की ब्रजराज की जै जै ॥
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